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28 Jun 2021 · 1 min read

संस्पर्श

स्पर्श कहूँ संस्पर्श कहूँ
क्या कहूँ
तुम्हारा एकटक घूरना
फिर नजर फेर लेना
क्या कहूँ

जिस राह जाऊँ
उस राह आ जाना
क्या कहूँ

पर तुम जो कहते हो
करते नहीं हो
इसे क्या कहूँ

मेरा यूँ हाथ पकड़ना
फिर बाहुपाश में भरना
इसे क्या कहूँ

संस्पर्श कहूँ तो
जो कहूँ कहना मानो
स्पर्श कहूँ तो पास रहो

क्योंकि प्रेम चाह है
मधुर मिलन की राह है
हम तुम पर्थिक है
प्रेम पन्थ के ।

Language: Hindi
76 Likes · 1 Comment · 581 Views
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