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19 Jun 2024 · 1 min read

संस्कृति

संस्कृति (अमृतध्वनि छंद)

संस्कृति हो संस्कारमय,शिष्ट मधुर संदेश।
सबके प्रति शुभ कामना,की चादर का वेश।।
की चादर का वेश,प्रेम का, सागर उमड़े।
दिल में मोहक,भाव सुन्दरम, सत सा अगड़े।।
मन मे जागे, सहयोगीपन,उत्तम प्रिय कृति।
रचते चलना, मानववादी,शिवमय संस्कृति।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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