संस्कार
बीज बपन करो , बीज बपन करो
संस्कारों के बीज बपन करो
मानवता की डगर हो सुगम
सारे काज होये तेरे सफल
हो न खौफ तुमको अपनों से
काया को सुवर्ण सा तपन करो
बीज बपन करो , बीज बपन करो
होये न कोई कोर्ट कचहरी
हर महत्वाकांक्षा हो फली
प्यार बसा हो सब रिश्तों में
संस्कारों का आप भुवन करो
बीज बपन करो , बीज बपन करो
झूठ – मक्कारी , चोरा – चोरी
लूट – खसोट और धोखाधड़ी
ईमान ,वफादारी का वट लगा
सुन्दर संस्कारों का हवन करो
बीज बपन करो , बीज बपन करो
सीमा का न कर अतिक्रमण
जैविक हथियार का कर आक्रमण
विश्वपटल पर कर बदनाम
ऐसे पूर्ण न तुम सपन करो
संस्कार है हर मानव का आधार
बिन जिसके जीवन है बेकार
शुद्ध कर स्व आत्मचेतन को
सुसंस्कार का तुम वर्धन करो
बीज बपन करो , बीज बपन करो