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30 Aug 2021 · 1 min read

संस्कार विहीन संतान

जननी जन रही दुष्ट जन ,
ना भक्तजन ,ना दानी न शूर ।
रहे वो अपनी मस्ती में गुम ,
संतान हो रही संस्कारों से दूर ।

Language: Hindi
2 Likes · 506 Views
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