संस्कार अच्छे हो जीवन में
जिन्दगी में संस्कारी होना
जरूरी है । संस्कार इन्सान को मानवता सिखाते है । बेटा बेटी बहू हो या दामाद सब संस्कारी चाहते है और संस्कार है क्या , बड़ों इज्जत, सास ससुर का बुढापे में ध्यान रखना, बच्चों का अच्छी तरह से पालन पोषण , घर में सभ्य और अच्छी भाषा बोलना , चिल्लाना नहीं । घर के काम व्यवस्थित करना ।
विडम्बना है कि माडर्न के नाम पर हमारी संस्कृति को भूलाया जा रहा है । समाज में अश्लीलता आ रही है ।
यह सब उचित नहीं है । माडर्न में भी जो अच्छी बाते हैं उन्हें अपनाओ । पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण मत करों।
इसीलिए कहा जाता है
संस्कारी बने पूरे
माडर्न बनो अधूरे
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल केम्प पुणे