– संस्कारों को एक पीढ़ी से भावी पीढ़ी एमएस पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी –
संस्कारों को एक पीढ़ी से भावी पीढ़ी में पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी –
अपने आने वाली पीढ़ी को,
अपने संस्कारों से अवगत कराना है,
हेलो हाय से तौबा कराके,
नमस्कार,नमस्ते, शुभप्रभात सीखना है,
बुजुर्गो के चरण स्पर्श करे ,
ऐसे संस्कार मन में जगाना है,
माता पिता के चरणों में है स्वर्ग,
गत में जाती आज की पीढी को हमे बचाना है,
अग्रेजियत के इस आलम से,
हिंदी की और ले जाना है,
यह सब है हमारी जिम्मेदारी,
संस्कारों को एक पीढ़ी से भावी पीढ़ी में हमे पहुंचाना है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान