संस्कारों का चोला जबरजस्ती पहना नहीं जा सकता है यह
संस्कारों का चोला जबरजस्ती पहना नहीं जा सकता है यह
स्वतः ही मन, वचन, और कर्मों से नज़र आता है लेकिन कुंठित मानसिकता के लोगों को यह दिखावा ही नज़र आता है उनके लिए बीड़ी, सिगरेट, जुआं, पान मसाला, अश्लीलता फैलाना आधुनिकता की निशानी माना जाता है धन्य हैं ऐसी मानसिकता के लोग 🙏🙏
_ सोनम पुनीत दुबे