संसद के नए भवन से
संसद के नए भवन से किंचित
हो नई राजनीति की शुरुआत
आम जनता की समस्याओं पर
वहां हो पूरी गंभीरता से बात
हे ईश्वर ! माननीयों के हृदय में
भरो जन पक्षधरता का सिंधु
तब शायद ये संसद बन सके घोर
तिमिर से घिरे लोगों के लिए इंदु
माननीयों को नजर आएं बेकारी
महंगाई जैसी जन पीड़ाएं तमाम
जनसमस्याओं के उचित निपटारे
के लिए होते रहें समुचित इंतजाम