Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2016 · 1 min read

संवेदना

जग धरती पर ऐसा भी है होता
वेदना उतर कर पॉव पसारती
संवेदना व्यक्ति की नग्न हो जाती
देख विकलता मन है मर जाता

दया ,ममता ,करूणा कहाँ है जाती
मानव खण्ड विकसित ना हो पाता
विकसने से पहिले आत्मा मर जाती
देख विकलता नहीं शान्त बैठ पाता

दुनियाँ से खत्म मनुजता को देख
मन क्यों तेरा नही बरबस रो जाता
सूट बूट में चलता फिरता तू इतराता
इनका भी भला इन्सान तू करता

विधाता ने नीचे डाल ना सोचा होगा
मेरी दोनों कृतियों मे वैषम्य न होगा
पैसे वाला न पैसे वालें को सम्हालेगा
मेरा तो कुछ बोझ भार ही उतारेगा

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
74 Likes · 412 Views
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all

You may also like these posts

नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
Neelofar Khan
अपनी भूलों से नहीं,
अपनी भूलों से नहीं,
sushil sarna
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
*हुनर बोलता हैं *
*हुनर बोलता हैं *
Vaishaligoel
मुसीबत के वक्त
मुसीबत के वक्त
Surinder blackpen
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
Anil Mishra Prahari
4391.*पूर्णिका*
4391.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाँ मेरी  जरुरत  हो  तुम।
हाँ मेरी जरुरत हो तुम।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
धुन
धुन
Ragini Kumari
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
Ravi Prakash
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
Manoj Mahato
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
gurudeenverma198
समय देकर तो देखो
समय देकर तो देखो
Shriyansh Gupta
"याद होगा"
Dr. Kishan tandon kranti
माना कि हम सही तुम सही,
माना कि हम सही तुम सही,
श्याम सांवरा
आतें हैं जब साथ सब लोग,
आतें हैं जब साथ सब लोग,
Divakriti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jai Prakash Srivastav
*तुम  हुए ना हमारे*
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हिन्दी
हिन्दी
Pushpa Tiwari
खूबसूरती से
खूबसूरती से
Chitra Bisht
एकांत चाहिए
एकांत चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
Dushyant Kumar
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
Rituraj shivem verma
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
Khaimsingh Saini
घर संसार का बिखरना
घर संसार का बिखरना
Krishna Manshi
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
Loading...