संवेदनाएं
संवेदनाये जगती हैं तो भावनाएं बन जाती हैं
संवेदनाएं मरती हैं तो दुर्घटनाएं हो जाती है ||
संवेदनाओं में पिरोकर ही होता ईश का वंदन
सवेनाओं में ही जागता है पूजा और अर्चन ||
संवेनाएं मर गई तो धर्म ही अधर्म हो गया
संवेदनाएं जागी सन्त कोई महान बन गया ||
संवेदनाओं से विहीन कोई प्राणी नहीं
संवेदनाओं से रहित जीवन कहानी नहीं ||
संवेदनाओं को जगाकर आँख गीली हो गई
संवेदनाओं को जागकर रस्म रसीली हो गई ||
संवेदनाओं में दुःख दर्द और उत्साह का समन्दर
संवेदनाओं में ही वेदनाओं का भी उठता बवंडर ||
संवेदनाएं शून्य होती तो होते हैं बलात्कार
संवेदनाएं मरती तो आतंक के वार बार बार ||
संवेदनाएं मरी तो कश्मीर खाली हो गया था
संवेदनाएं मरी तो केरल मवाली हो गया था ||
संवेदनाओ को जीवित रखो यही कहना है
संवेदनायें मानवीय जीवन यही कहना है ||
संवेदनाएं मरी तो जब कारसेवक मारे गये
संवेदनाएं जगी तो राम प्रतिष्ठित हो गये ||
संवेदनाओ का सम्मान भी कीजिये
संवेदनाओं को जीवन भी दीजिये ||
संवेदनहीन ही बांधते पटाखे पशु पुच्छ में
संवेदना विहीन मनुज ही होते पशु वेश में ||
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