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3 May 2024 · 1 min read

संवेदनाएँ

*संवेदनाएँ *
एक चीज कभी नहीं बदलती
कहीं भी नहीं बदलती
जैसी देश कोई भी हो
चिड़िया पेड़ पर ही बैठती हैं।
चाहे उसे एक पत्ते की ही छाँह हो,
उसी तरह हमारी
संवेदनाएँ कभी नहीं बदलती।
चाहे वह एशिया हो या यूरोप
चाहे खून का ग्रुप कोई हो।
रंग और दर्द सभी को
एक -सा होता है ।
दर्द के आते ही सभी को
अपनी माँ याद आती है।
एक चीज कभी नहीं बदलती
कहीं भी नहीं बदलती

-मीरा ठाकुर
आबू धाबी

10 Likes · 5 Comments · 143 Views
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