संवेदनाएँ !
जीवनक अस्थित्व
अखन शेष रहै
बुझायै एहि कारणेँ
बम धमाका
आओर जिहादी नारा के
बीच भ……
बची गेल अछि
किछु—
मानवीय संवेदनाएँ !
•••
जीवनक अस्थित्व
अखन शेष रहै
बुझायै एहि कारणेँ
बम धमाका
आओर जिहादी नारा के
बीच भ……
बची गेल अछि
किछु—
मानवीय संवेदनाएँ !
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