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14 Feb 2024 · 1 min read

संविधान

दुनिया की सबसे बड़ी, ऐसी एक किताब।
संविधान कहते जिसे,हक का जहाँ हिसाब।।

भीमराव आंबेडकर,इसके रचनाकार।
अथक परिश्रम से लिखें,सब मौलिक अधिकार।।

क्या करना है क्या नहीं, संविधान से जान ।
अधिकारों को जानकर, धर्म-कर्म पहचान।।

संविधान ने ही दिया,हमको मताधिकार।
हम इसके आधार पर,चुनते हैं सरकार।।

मनसा वाचा कर्मणा,लक्ष्य लोक कल्याण।
मानव-मूल्यों पर हुआ, संविधान निर्माण।।

संविधान से देश को,मिली नई तस्वीर।
नियम और कानून की,खींचीं एक लकीर।।

संविधान सर्वोच्च है,सर्व-धर्म समभाव।
जातिपाति से है परे,उत्तम उचित रखाव।।

संविधान का लक्ष्य है, बहुत अधिक विकराल।
विश्व शांति के राह पर,लेकर चले मशाल।।

अनेकता में एकता, संविधान की चाह।
आदर्शों कर्तव्य का,सदा दिखाता राह।।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
1 Like · 140 Views
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