संविधान बचाओ आंदोलन
अरे, ख़ैर नहीं
अब तख्त की
शुक्र मनाओ
अब ताज की!
मुझे सुनाई
देने लगी
एक आहट
इंकलाब की!!
होने लगे
लोग लामबंद
हाथ में
मशाल लेकर!
जिसमें बसी
रूह देश की
हक़ में उसी
किताब की!!
Shekhar Chandra Mitra
अरे, ख़ैर नहीं
अब तख्त की
शुक्र मनाओ
अब ताज की!
मुझे सुनाई
देने लगी
एक आहट
इंकलाब की!!
होने लगे
लोग लामबंद
हाथ में
मशाल लेकर!
जिसमें बसी
रूह देश की
हक़ में उसी
किताब की!!
Shekhar Chandra Mitra