Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2020 · 1 min read

संविधान पढ़

?? पढ़ लेना संविधान✍?✍?
?????????✍?✍?✍?
लॉकडाउन में पढ़ लेना ,
बाबा का संविधान।
मान तुम्हारा है यहीं ,जिंदा स्वाभिमान ।।
वेद ग्रंथ में लिखा ,तेरा घोर अपमान ।
लाकडाउन में पढ़ लेना, बाबा का संविधान

अब तो आंखें खोल ले ,इन्हें ना अपना मान।
समय पर जो ना जागता, उसका हो अपमान ।
पूजा -पाठ की प्रथा का, तोड़ भी दे अब तान ।
लोकडाउन में पढ़ ले तू ,बाबा का संविधान।

ना देवी- ना देवता ,ना तेरा भगवान ।
पर करना ना कभी ,तू भैया अभिमान ।
अपने घर में लौटा आ, यहीं मिलें सम्मान ।
लॉकडाउन में पढ़ लेना ,बाबा का संविधान…….

हिंदू धर्म में ना तेरा ,दर्ज अभी तक नाम।
फिर तू क्यों करता रहा, उसके लिए सब काम।
जगा ले अपनी चेतना ,जगा ले स्वाभिमान।
लाकडाउन में पढ़ ले तू ,बाबा का संविधान……

छोड़ दे पूजा-पाठ तू ,पढ़ना धर्म ग्रंथ ।
सुख तेरे घर में रहें, कर दे इनका अंत।
बुद्ध वंदना सीख ले, सीख लगाना ध्यान ।
लॉकडाउन में पढ़ ले तू ,बाबा का संविधान…….

रक्षा अपनी स्वयं कर, और उठा आवाज ।
समतामूलक समाज का, कर दे तू आगाज़।
जीत तुम्हारी है तभी ,तभी तुम्हारी शान ।
लाकडाउन में पढ़ ले तू, बाबा का संविधान…….

आपस के टकराव को, दे दो पूर्ण विराम।
मिलकर लड़ना है तुम्हें, करना मिलकर काम।
सागर बाबा साहब का, चमके तभी और नाम।
लाडाउन में पढ़ना तू, बाबा का संविधान।।
========
बहुजन समाज का बेख़ौफ़ शायर/ गीतकार/ लेखक/चिंतक
डॉ. नरेश कुमार “सागर”
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित
29/04/2020

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 489 Views

You may also like these posts

प्रेम की प्रतिज्ञा
प्रेम की प्रतिज्ञा
रुचि शर्मा
आदि ब्रह्म है राम
आदि ब्रह्म है राम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तुम्हारा नंबर
तुम्हारा नंबर
अंकित आजाद गुप्ता
कोई तो समझा दे
कोई तो समझा दे
Shekhar Chandra Mitra
मां
मां
MEENU SHARMA
अभिमान  करे काया का , काया काँच समान।
अभिमान करे काया का , काया काँच समान।
Anil chobisa
विचार और भाव-1
विचार और भाव-1
कवि रमेशराज
बदलती जिंदगी
बदलती जिंदगी
पूर्वार्थ
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
Rj Anand Prajapati
3315.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3315.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
रिश्तों की बंदिशों में।
रिश्तों की बंदिशों में।
Taj Mohammad
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
Raju Gajbhiye
मनोकामना
मनोकामना
Mukesh Kumar Sonkar
दूरियों के क्या मायने
दूरियों के क्या मायने
Sudhir srivastava
*आदमी में जानवर में, फर्क होना चाहिए (हिंदी गजल)*
*आदमी में जानवर में, फर्क होना चाहिए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
तो क्या हुआ... !?
तो क्या हुआ... !?
Roopali Sharma
अंतिम साँझ .....
अंतिम साँझ .....
sushil sarna
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
Suryakant Dwivedi
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
इशरत हिदायत ख़ान
था उसे प्यार हमसे
था उसे प्यार हमसे
Swami Ganganiya
धर्म निरपेक्ष रफी
धर्म निरपेक्ष रफी
ओनिका सेतिया 'अनु '
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
प्यारी माँ
प्यारी माँ
Rajesh Tiwari
ग़ज़ल _ नसीबों से उलझता ही रहा हूँ मैं ,,
ग़ज़ल _ नसीबों से उलझता ही रहा हूँ मैं ,,
Neelofar Khan
"हर बाप ऐसा ही होता है" -कविता रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
■ चाह खत्म तो राह खत्म।
■ चाह खत्म तो राह खत्म।
*प्रणय*
विचार
विचार
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
Loading...