संविधान पढ़
?? पढ़ लेना संविधान✍?✍?
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लॉकडाउन में पढ़ लेना ,
बाबा का संविधान।
मान तुम्हारा है यहीं ,जिंदा स्वाभिमान ।।
वेद ग्रंथ में लिखा ,तेरा घोर अपमान ।
लाकडाउन में पढ़ लेना, बाबा का संविधान
अब तो आंखें खोल ले ,इन्हें ना अपना मान।
समय पर जो ना जागता, उसका हो अपमान ।
पूजा -पाठ की प्रथा का, तोड़ भी दे अब तान ।
लोकडाउन में पढ़ ले तू ,बाबा का संविधान।
ना देवी- ना देवता ,ना तेरा भगवान ।
पर करना ना कभी ,तू भैया अभिमान ।
अपने घर में लौटा आ, यहीं मिलें सम्मान ।
लॉकडाउन में पढ़ लेना ,बाबा का संविधान…….
हिंदू धर्म में ना तेरा ,दर्ज अभी तक नाम।
फिर तू क्यों करता रहा, उसके लिए सब काम।
जगा ले अपनी चेतना ,जगा ले स्वाभिमान।
लाकडाउन में पढ़ ले तू ,बाबा का संविधान……
छोड़ दे पूजा-पाठ तू ,पढ़ना धर्म ग्रंथ ।
सुख तेरे घर में रहें, कर दे इनका अंत।
बुद्ध वंदना सीख ले, सीख लगाना ध्यान ।
लॉकडाउन में पढ़ ले तू ,बाबा का संविधान…….
रक्षा अपनी स्वयं कर, और उठा आवाज ।
समतामूलक समाज का, कर दे तू आगाज़।
जीत तुम्हारी है तभी ,तभी तुम्हारी शान ।
लाकडाउन में पढ़ ले तू, बाबा का संविधान…….
आपस के टकराव को, दे दो पूर्ण विराम।
मिलकर लड़ना है तुम्हें, करना मिलकर काम।
सागर बाबा साहब का, चमके तभी और नाम।
लाडाउन में पढ़ना तू, बाबा का संविधान।।
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बहुजन समाज का बेख़ौफ़ शायर/ गीतकार/ लेखक/चिंतक
डॉ. नरेश कुमार “सागर”
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित
29/04/2020