संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
इंतज़ार बहुत दिनों तक मुझे सुहाता नहीं !!
जब उन्हें फुर्सत नहीं अपने मित्रों को जाने !
तब क्यूँ हम उनकी फितरत को पहचाने!! @ परिमल
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
इंतज़ार बहुत दिनों तक मुझे सुहाता नहीं !!
जब उन्हें फुर्सत नहीं अपने मित्रों को जाने !
तब क्यूँ हम उनकी फितरत को पहचाने!! @ परिमल