Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2017 · 1 min read

संयुत

संयुत छंद में कुछ मुक्तक

विधान-
[सगण जगण जगण गुरु ]
(112 121 121 2)
4 चरण,
1,2,4 चरण समतुकांत
तथा तीसरा चरण अतुकांत।

इतनी अजीब ये’ बात है।
कितनी घनेरी यह रात है।
दिन रात करूं अब याद मैं।
दिल में छुपा जज़बात है।।1

किस से कहूं दिल की लगी।
इक आस सी मन में जगी।
सुन लो ज़रा इक बात को।
यह बात है रस में पगी।2

दुनिया बड़ी बलवान है।
रचती नये प्रतिमान है।
उतरे खरा जिनमें को’ई।
सबसे बड़ा धनवान है।3

सुन दासतां हमरी अभी।
जग जाय भाव ते’रे कभी।
मत बैठना चुपचाप यूं।
अरमान पूर्ण करो सभी।4

प्रवीण त्रिपाठी
12 जनवरी 2016

Language: Hindi
253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
मेरे बस्ती के दीवारों पर
मेरे बस्ती के दीवारों पर
'अशांत' शेखर
दोहा-विद्यालय
दोहा-विद्यालय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🏛️ *दालान* 🏛️
🏛️ *दालान* 🏛️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
केतकी का अंश
केतकी का अंश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
Shweta Soni
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
Utkarsh Dubey “Kokil”
मेरे उर के छाले।
मेरे उर के छाले।
Anil Mishra Prahari
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
भीड़ पहचान छीन लेती है
भीड़ पहचान छीन लेती है
Dr fauzia Naseem shad
हज़ारों साल
हज़ारों साल
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
Sanjay ' शून्य'
चाहत
चाहत
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
Sonu sugandh
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
* याद है *
* याद है *
surenderpal vaidya
इतनी भी
इतनी भी
Santosh Shrivastava
G27
G27
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
🍂तेरी याद आए🍂
🍂तेरी याद आए🍂
Dr Manju Saini
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
आजादी की शाम ना होने देंगे
आजादी की शाम ना होने देंगे
Ram Krishan Rastogi
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
Ravi Prakash
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
gurudeenverma198
आख़री तकिया कलाम
आख़री तकिया कलाम
Rohit yadav
अहम जब बढ़ने लगता🙏🙏
अहम जब बढ़ने लगता🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
जगदीश शर्मा सहज
खालीपन
खालीपन
करन ''केसरा''
Loading...