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24 May 2018 · 1 min read

परिवार

दादी को पापा हैं प्यारे
चाचा भी हैं बहुत दुलारे
प्यारे प्यारे पोते पोती
उनकी आंखों के हैं तारे

चाचा पापा वैसे भाई
बात बात पर करें लड़ाई
लेकिन प्यार बहुत हैं इनमे
इक दूजे की ये परछाई

चाची मम्मी सँग सँग रहती
बहनों जैसी सबको लगतीं
इनके कारण ही तो घर मे
प्रेम भरी रसधारा बहती

दादा जी का हम पर साया
बरगद की जैसे हो छाया
मिली विरासत में ही हमको
रिश्तों की ये देखो माया

सबके साथ निभाकर रहना
सुख दुख सब मिलजुल कर सहना
संस्कारों की लेकर नैया
जीवन धारा के सँग बहना

24-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
386 Views
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