संबंध भी यूज एन्ड थ़ो हो गए
समय के साथ वो, कितने बदल गए
उनके लिए संबंध सारे,यूज एन्ड थ़ो हो गए
जब जब जरूरत थी साथ साथ रहे
मौका-ए-मुसीवत में, डगर में छोड़ गए
क्या कहा जाए उनकी शख्सियत को
मां वाप को अपने हाल पर छोड़ चले गए
ऐंसा नहीं है कि वो उपकार अपकार का मतलब नहीं समझते
समय का वास्ता देकर, दूर बहुत दूर निकल गए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी