दौलत बड़ी या मां का दुलार !
करोड़ों की संपत्ति छोड़ गई मां,
मगर अपना प्यार और दुलार तो संग ले गई मां ।
रुपए के चंद सिक्के ,और नोट तो
नहीं पूछेंगे न दिल का हाल ।
जमीन जायदाद भी नहीं पूछेगी ,
तुमने सुबह से खाना खाया है या नहीं?
महंगी गाडियां नहीं पूछेगी ,
तू रात भर सोई भी है या नहीं ।
कोई भी आलीशान संसाधन ,
बंगले ,फॉर्म हाउस आदि नहीं पूछने वाले ,
ना मनाने वाले हैं ।
ना ही आंसू पोंछने वाले हैं।
हां! मगर जान का खतरा जरूर है ।
दौलत के लिए ही मां की जान गई ,
कहीं यही दौलत इस मासूम की दुश्मन न बन जाए।
अब ईश्वर ही उसका खयाल रखे ,
उसकी रक्षा करे और
मां बाप को कमी को पूरा करे ।
क्यों की आखिर तो वही सच्चा मां बाप है ।
वोह बेसहारों का सहारा ,
अनाथों का नाथ ।
सर्व शक्तिमान परम पिता परमात्मा है ।