Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

संन्यास से त्याग तक

काम्य कर्मों के त्याग को संन्यास
और कर्मों के फल त्याग को
‘त्याग’
के रूप में परिभाषित करने की
प्रचलित धारणा है.
‘संन्यास’ व ‘त्याग’ की
धारणाएं हैं
अपनी-अपनी,
अशेष
पर ‘त्याग’ का सिद्धान्त है-
शास्त्र नियत कर्म का त्याग कैसे होगा ?
यह तो निषिद्ध है
देहधारी
कहाँ समर्थ है ?
समस्त कर्मों के त्याग में
वह तो कर्म करता है
स्वभावजन्य.
पर वह हो सकता है
सात्त्विक कर्मकार
राजस या फिर तामस
श्रेष्ठ कर्म तो
सिद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है.
सिद्धि को प्राप्त जीव
ब्रह्म को प्राप्त होता है
यह ईश्वर है
जो प्राणियों के
हृदय में स्थित हो
यन्त्रवत माया से घुमाता है
उसे चित्त में धारण करने से
‘माया’ का प्रहार नहीं होता
और मिलती है
‘परम शांति’
शाश्वत स्थान
इस ब्रह्माण्ड में.
और गीता के धर्ममय संवाद ने
इसके विविध रंग-रूपों के स्वरों ने
‘पार्थ’ को एक नई दिशा दी
‘अच्युत’ के संवाद प्रसाद से
मोह नष्ट हो गया.
इस रोमांचकारी संवाद ने
हर्षित कर दिया
गांडीवधारी को
सन्देहरहित हो गया
यह धनुषधारी
और धर्मयुद्ध की ओर उन्मुख हुआ
कुरूक्षेत्र

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 136 Views
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all

You may also like these posts

ظاہر ہے اس سے دیکھئے عظمت رسول کی
ظاہر ہے اس سے دیکھئے عظمت رسول کی
अरशद रसूल बदायूंनी
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी सिंह
एक देशभक्त की अभिलाषा
एक देशभक्त की अभिलाषा
Sarla Mehta
3111.*पूर्णिका*
3111.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Tasveerai-e muhabbat ko todh dala khud khooni ke rishto n
Tasveerai-e muhabbat ko todh dala khud khooni ke rishto n
shabina. Naaz
मोबाईल
मोबाईल
Ruchi Sharma
तृष्णा का थामे हुए हाथ
तृष्णा का थामे हुए हाथ
Shally Vij
डोर आस्था की
डोर आस्था की
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कागज के रिश्ते
कागज के रिश्ते
Mandar Gangal
चुनाव चक्कर सगण के सवैये
चुनाव चक्कर सगण के सवैये
guru saxena
गुम है
गुम है
Punam Pande
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
VINOD CHAUHAN
रिश्ते में पारदर्शिता इतनी हो कि
रिश्ते में पारदर्शिता इतनी हो कि
Ranjeet kumar patre
मार मुदई के रे... 2
मार मुदई के रे... 2
जय लगन कुमार हैप्पी
गज़ल
गज़ल
Santosh kumar Miri
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कर्मफल
कर्मफल
मनोज कर्ण
कल जिंदगी से बात की।
कल जिंदगी से बात की।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"बँटवारा"
Dr. Kishan tandon kranti
छुट्टी चन्दा मामा के घर
छुट्टी चन्दा मामा के घर
Dr Archana Gupta
"" *भारत माता* ""
सुनीलानंद महंत
सम्मुख आकर मेरे ये अंगड़ाई क्यों.?
सम्मुख आकर मेरे ये अंगड़ाई क्यों.?
पंकज परिंदा
😊न्यूज़ वर्ल्ड😊
😊न्यूज़ वर्ल्ड😊
*प्रणय*
देश हे अपना
देश हे अपना
Swami Ganganiya
क्या अपने और क्या पराए,
क्या अपने और क्या पराए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*एक मां की कलम से*
*एक मां की कलम से*
Dr. Priya Gupta
खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद से उतारा है।
खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद से उतारा है।
Manisha Manjari
आध्यात्मिक जीवन जीने का सरल उपाय। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक जीवन जीने का सरल उपाय। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
वो मेरा है इसका गर्व है मुझे
वो मेरा है इसका गर्व है मुझे
Ankita Patel
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
Chaahat
Loading...