संदेश
सूर्य की पहली किरण के साथ सम्पूर्ण धरा पर उम्मीदों का नया सबेरा जन्म लेता है ,जो बिना किसी भेदभाव के हर प्राणी के लिए खुशियों, नये लक्ष्यों, नये आयामों और नये सपनों का प्रकाश पुंज फैलाता है। सूर्य की किरणों कि प्रकाश हमें नयी उमीदों, नये जोश,नये लक्ष्यों के साथ उत्साह को संचारित करते हुए आगे बढ़ने की सतत प्रेरणा देता है।
सूर्य सतत बिना रूके, बिना थके अपने नित्य कर्म को बिना किसी भटकाव, भेदभाव या विलम्ब के नियमित रूप से अपने कर्म पद पर निरंतर गतिमान रहते हुए अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करता है।जनमानस को संदेश देता है किकिसी भी परिस्थिति में हमें अपना उद्देश्य/कर्म से भटकना नहीं चाहिए।
प्रकृति का जो नियम है उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।सुख दुःख आते जाते रहेंगे।
जिस तरह सूर्य हर मौसम में ,हर दिन अपने कर्तव्य से एक पल के लिये विमुख नहीं होता, हमें भी उसका अनुसरण करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहना चाहिए।
.✍ सुधीर श्रीवास्तव