Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2022 · 1 min read

संत रविदास जी

कर से करम,मन से धरम, रविदास अपनायो
आत्म ज्योति प्रकाशित कर, हरिनाम जिन गायो
जाति पाति नहिं ऊंच नीच,करमन भेद बतायो
सुख शांति संतोष कर्म संग, राम नाम गुण गायो
रचा परम प्रकाश, समाज को सांचा पथ बतलायो
कोटि-कोटि जन मानस ने,संत प्रसाद है पायो
जीवनमुक्त जिया जीवन, और परम पद पायो
संत चरणों में कोटि कोटि नमन।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
#तेजा_दशमी_की_बधाई
#तेजा_दशमी_की_बधाई
*Author प्रणय प्रभात*
चिल्हर
चिल्हर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
Paras Nath Jha
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
अलमस्त रश्मियां
अलमस्त रश्मियां
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मोहब्बत अधूरी होती है मगर ज़रूरी होती है
मोहब्बत अधूरी होती है मगर ज़रूरी होती है
Monika Verma
भोली बिटिया
भोली बिटिया
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
सर्वनाम
सर्वनाम
Neelam Sharma
*सुमित्रा (कुंडलिया)*
*सुमित्रा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बसंत हो
बसंत हो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
साथ मेरे था
साथ मेरे था
Dr fauzia Naseem shad
2543.पूर्णिका
2543.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
नींद आती है......
नींद आती है......
Kavita Chouhan
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
कवि रमेशराज
"जीवन का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Harekrishna Sahu
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
*दिल का दर्द*
*दिल का दर्द*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पुनर्जन्म का सत्याधार
पुनर्जन्म का सत्याधार
Shyam Sundar Subramanian
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट  हो गया है
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट हो गया है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
फिर कब आएगी ...........
फिर कब आएगी ...........
SATPAL CHAUHAN
भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम।
Taj Mohammad
(17) यह शब्दों का अनन्त, असीम महासागर !
(17) यह शब्दों का अनन्त, असीम महासागर !
Kishore Nigam
💐प्रेम कौतुक-460💐
💐प्रेम कौतुक-460💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ पंक्तियाँ
कुछ पंक्तियाँ
आकांक्षा राय
Loading...