संत रविदास जी
कर से करम,मन से धरम, रविदास अपनायो
आत्म ज्योति प्रकाशित कर, हरिनाम जिन गायो
जाति पाति नहिं ऊंच नीच,करमन भेद बतायो
सुख शांति संतोष कर्म संग, राम नाम गुण गायो
रचा परम प्रकाश, समाज को सांचा पथ बतलायो
कोटि-कोटि जन मानस ने,संत प्रसाद है पायो
जीवनमुक्त जिया जीवन, और परम पद पायो
संत चरणों में कोटि कोटि नमन।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी