गीत "आती है अब उनको बदबू, माॅ बाबा के कमरे से"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
चीजें खुद से नहीं होती, उन्हें करना पड़ता है,
********** आजादी के दोहे ************
बातों की कोई उम्र नहीं होती
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
हम मुहब्बत के परस्तार रियाज़ी तो नहीं
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Dictatorship in guise of Democracy ?
*अमर तिरंगा रहे हमारा, भारत की जयकार हो (गीत)*
रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया।
इस सफर में कहो कौन कैसा कहाँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)