परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
हम अपनों से न करें उम्मीद ,
गीत- मेरी जानाँ तेरा जाना...
लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
*साप्ताहिक अखबार (कुंडलिया)*
It's not about just a book...!!
❤️ DR ARUN KUMAR SHASTRI ❤️
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'