संत गाडगे संदेश 5
गाडगे संदेश 5
शिक्षा जगत में सार हैं,पढ़ाओ बाल गोपाल।
निज शिक्षा बिना मनु, हैं पशु तुल्य समान।।
है पशु तुल्य समान मनु ,ज्ञान बुद्धि से विवेक,।
उच्चासन चढ़ायेंगे, सृष्टि नियम को देख।।
कहत विजय लेखनी लिख, गाडगे मांगे भिक्षा।
शुद्र से ब्राह्मण बनो,पाकर पारस शिक्षा।।
गाडगे संदेश 6
रहे गरीबी घर में अगर ,पर न मानो हार।
अर्द्ध पेट रोटी भली ,फटे पुराने सार।।
फटे पुराने सार पहन, भेज बाल गोपाल।
करो युद्ध दबंग से, शिक्षा बने निज ढाल।।
पद चिन्ह चलों गाडगे ,जो हैं मेरे करीबी।।
आंगन आवेग लक्ष्मी , न रहेगी गरीबी ।।