आचार्य महाप्रज्ञ
तोलाराम पिता थे और थी बल्लू इनकी माता।
संस्कृत, प्राकृत हिंदी भाषा के प्रकांड थे ज्ञाता।।
आचार्य तुलसी को इन्होंने अपना आचार्य बनाया।
उनके सानिध्य में रहकर अपना ज्ञान बढ़ाया।।
जैन श्वेतांबर संघ का बना दिया इन्हें आचार्य ।
पूरे मन से जनसेवा के किये इन्होंने कार्य ।।
अणुव्रत आंदोलन में अपना सहयोग दिया।
प्रेक्षाध्यान भी प्रचलित जन हित के लिए किया।।
अनेकांत दृष्टि के सूत्र का करते रहे प्रचार।
धर्म अहिंसा को माना इस जीवन आधार।।
ऐसे संत मुनि को करते हाथ जोड़ प्रणाम ।
जन सेवा के लिए जगत में किये उन्होंने काम।।
22-04-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद (उ प्र)