Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

संजीवनी

तुम
कितनी सुंदर लगती हो
जब छा जाती हो
इस अनंत असीम गगन में
अपनी मद भरी चांदनी लेकर
मैं भी प्राया
सुप्त छोड़ सारे जग को
आ जाता हूं तुम्हारे सदृश
ताकि
इस विक्षोभ भरे जीवन से
कुछ क्षण
विलग कर
तुम्हें समर्पित कर सकूं
और प्रतिदान में इसके
पा सकूं
वह शीतल चांदनी
कारण है जो
इन प्रफुल्लित कमल तड़ागो की
और है हर अशांत मन की संजीवनी ।

1 Like · 64 Views
Books from डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
View all

You may also like these posts

मिलन
मिलन
सोनू हंस
बिना कुछ कहे .....
बिना कुछ कहे .....
sushil yadav
दोहा चौका. . . .
दोहा चौका. . . .
sushil sarna
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!
शेखर सिंह
कैसा
कैसा
Ajay Mishra
*बगिया जोखीराम का प्राचीन शिवालय*
*बगिया जोखीराम का प्राचीन शिवालय*
Ravi Prakash
उसे जाने दो
उसे जाने दो
Shekhar Chandra Mitra
वक़्त के बारे में,एक कहावत मशहूर है,
वक़्त के बारे में,एक कहावत मशहूर है,
Mahesh Pushpad
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
Sandeep Kumar
यूं बातें भी ज़रा सी क्या बिगड़ गई,
यूं बातें भी ज़रा सी क्या बिगड़ गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
उन यादों को
उन यादों को
Dr fauzia Naseem shad
Could you confess me ?
Could you confess me ?
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
अपने सनातन भारतीय दर्शनशास्त्र के महत्त्व को समझें
अपने सनातन भारतीय दर्शनशास्त्र के महत्त्व को समझें
Acharya Shilak Ram
गीत
गीत
Rambali Mishra
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
Ranjeet kumar patre
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
Neeraj Agarwal
आओ हिंदी सीखें....
आओ हिंदी सीखें....
गुमनाम 'बाबा'
2463.पूर्णिका
2463.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
पूर्वार्थ
लोग कहते हैं कि
लोग कहते हैं कि
VINOD CHAUHAN
मन किसी ओर नहीं लगता है
मन किसी ओर नहीं लगता है
Shweta Soni
ऐ वतन....
ऐ वतन....
Anis Shah
🙅दूसरा पहलू🙅
🙅दूसरा पहलू🙅
*प्रणय*
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
Sanjay ' शून्य'
"मोबाइल फोन"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल के किसी कोने में
दिल के किसी कोने में
Chitra Bisht
रिश्ते प्यार के
रिश्ते प्यार के
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
जीते हैं शान से
जीते हैं शान से
Sudhir srivastava
Loading...