संघर्ष
ऐसा जीवन भी क्या जीवन
जिसमें कोई आदर्श ना हो।
मिले सफलता भले ही पग पग
किंतु नया संघर्ष ना हो।
वह जीवन बेकार जिसमें
वत्सलता का स्पर्श ना हो ।
ऐसा जीवन भी क्या जीवन
जिसमें कोई संघर्ष ना हो।
वह धन भरी सम्पदा क्या
जिससे मन में हर्ष न हो।
वह प्रगति कैसे कहलाएं
नित जिसमें उत्कर्ष न हो ।।
ऐसा जीवन भी क्या जीवन ।
जिसमें कोई संघर्ष न हो।।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र
नरई संग्रामगढ प्रतापगढ उ प्र
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