संघर्ष
बिक चुका है मेरे आशियाने का सामान //
परन्तु बिकाऊ मेरा सम्मान नहीं //
बिक चुके है मेरे घर के गहने //
परन्तु बिकाऊ मेरा मन नहीं //
बिक चुके है मेरी असफलता के किस्से //
परन्तु बिकाऊ मेरा संघर्ष नहीं //
भले ही बिक चुकी है, मेरी मुस्कुराहट की हर एक वजह //
किन्तु बिकाऊ मेरा हौसला नहीं //
:~ कविराज श्रेयस सारीवान