— संगीत प्रेमी बनो —
संगीत बिना क्या जिंदगी है
संगीत है तो बंदगी है
संगीत दिल को नहीं
तन और मन सब को भाता है
तभी तो खिलखिलाती
हम सब की यह जिंदगी है
जब बज उठता है तार
सुर मय हो जाता है वातावरण
मंगलमय सा लगने लगता है
जीवन का यह संगम
तभी तो कहते हैं
जो दवा न काम करे कोई
संगीत हर लेता है विपदा सब कोई
मन प्रसन्न तो सब अच्छा लगता है
मुरझाया चेहरा किसे अच्छा लगता है
खुशनुमा सा बना के माहौल जिओ
जिंदगी को मद मस्त बना के जिओ
जिओगे तो संगीत से ही जिओगे
बिन संगीत कहाँ सब जिओ पाओगे
पर्वतों में, नदिओं में, हवाओं में
बजता है संगीत का दरिया
हर कोई कहाँ उस को समझ पाओगे
जीने का नया तरीका सीखना हो तो
उप्पर वाले के सुर ताल से ही तो
यारों तुम सब सीख पाओगे।
अजीत कुमार तलवार
मेरठ