संगीत……….. जीवन हैं
संगीत सात सुरों के साथ हैं। स रे ग म प ध नी रास हैं।
जीवन के पल में संगीत की धुन हैं। तुम और हम दोनों साथ साथ हैं।
सरस्वती देवी मां से संगीत बना है। वीणा की धुन हम सबको भाती हैं।
सरगम जिंदगी की हसरतों में रहती हैं। हां शब्द ही तो संगीत के सात सुरों के साथ हैं।
मन तेरा मेरा रिश्ता भी एक संगीत हैं। रंगमंच के किरदार हम सभी रहते हैं।
सच तो जीवन की शुरुआत संगीत हैं। भाग्य का साथ अंत भी संगीत हैं।
सच तो बस संगीत के सुर होते हैं। बस दुःख और खुशी के पल रहते हैं।
आओ हम भी संगीत के सुरों में खो जाते हैं। सच ज़िंदगी भी खुशियों से भर लेते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र