संगिनी भी साथ रहे
गाँव या शहर में है होता जब यज्ञ कोई,
पति बैठता है सदा संगिनी के संग में।
यही कहते हैं सभी संगिनी भी साथ रहे,
पूजा-पाठ, हार, जीत, कष्ट या उमंग में।
राम भी अवध में थे किये अश्वमेध जब,
सीता जी की मूर्ति बनवाये पीत रंग में।
नारी बिन पूजा कोई होती है सफल नहीं,
लिखी यह बात धर्म ग्रंथ के प्रसंग में।।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 10/01/2024