Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2024 · 1 min read

संगम

धरतीक गहराइमे बैसए,
प्रेमक दिव्य सनेस,
वनक छागरमे,
सुने पुरखा केर मधुर आवाज ।

सूरूज किरण बुनैत हे ,
सपना केर रंगीन गीत,
सभ गाछक छाहरिमे,
नुकायल हे भक्ति केर रीत ।

नदीक केर बहैत धारा,
जयसे मोनक प्यास बुझाए,
प्राकृतिक जीनगी केर बीच,
देवनक रस प्रेम भेट जाए ।

आब, एकहि संग चलैत,
प्रेम आ धरोहर केर पग पर,
संघर्ष आ भक्ति के जोड़ैत,
सहर्ष से यात्रीक पथ पर।

—-श्रीहर्ष—

Language: Maithili
60 Views

You may also like these posts

*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
Kshma Urmila
हम सबके सियाराम
हम सबके सियाराम
Sudhir srivastava
" वक्त "
Dr. Kishan tandon kranti
My love and life
My love and life
Neeraj kumar Soni
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
manjula chauhan
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
Phool gufran
वर्ण
वर्ण
Rambali Mishra
😢युग-युग का सच😢
😢युग-युग का सच😢
*प्रणय*
एक बावला सा लड़का
एक बावला सा लड़का
Akash RC Sharma
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
अन्नदाता
अन्नदाता
Akash Yadav
दहेज
दहेज
Kanchan verma
कल रात
कल रात
हिमांशु Kulshrestha
तल्खियां
तल्खियां
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
हर पिता को अपनी बेटी को,
हर पिता को अपनी बेटी को,
Shutisha Rajput
पागल बना दिया
पागल बना दिया
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
कविता की कथा
कविता की कथा
Arun Prasad
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Agarwal
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
"समझाइश "
Yogendra Chaturwedi
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
Abhishek Soni
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुझे लगा अब दिन लदने लगे है जब दिवाली की सफाई में मां बैट और
मुझे लगा अब दिन लदने लगे है जब दिवाली की सफाई में मां बैट और
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
इक्क्सिवि शताब्दी में जी रहे हैं हम लोगों को शायद ये समझना ह
इक्क्सिवि शताब्दी में जी रहे हैं हम लोगों को शायद ये समझना ह
पूर्वार्थ
हक जता संकू
हक जता संकू
RAMESH Kumar
बेवफा, जुल्मी💔 पापा की परी, अगर तेरे किए वादे सच्चे होते....
बेवफा, जुल्मी💔 पापा की परी, अगर तेरे किए वादे सच्चे होते....
SPK Sachin Lodhi
जन्मदिन पर लिखे अशआर
जन्मदिन पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
Loading...