संकोच
तुम संकोच मत करना
वेबजह मानसिकता बोझा ना ढोना
गुस्सा शक शुबा से दिल मत भरना
बेझिझक सब कह देना
बहु है तु मेरी पर मुझे मां समझ लेना
यह ससुराल है जरूर
पर इसे अपना घर ही समझ लेना
सबको अपना मानकर बहु
हंसना हसांना से काम चला लेना
जीवन का यह नया सफर
अपने आप ही आलोकित कर लेना।
-सीमा गुप्ता