संकल्प
बहुत से लोग अपने जीवन को जीने के लिये अनेक संकल्प ले कर स्वयं को बाँध लेते हैं…
मेरा मानना है की-
“जीवन में किसी को कभी भी कोई संकल्प नहीं लेने का संकल्प लेना चाहिये, क्योंकि सभी संकल्प भविष्य के लिए प्रतिबंध बन जाते हैं और सभी संकल्प कारावास मे रहने के समान होते हैं…
हम अपने आज को कल के लिए तय कर अपने कल को नष्ट कर देते है…
कल को अपना अस्तित्व रखने दें, इसे अपने तरीके से आने दें, जीवन के हर दिन को अपने उपहार स्वयं लाने दें…
संकल्प लेने का मतलब है कि आप केवल इस काम को करेंगे और उस काम को नहीं करेंगे…
सच कहुँ तो संकल्प लेना एक संघर्ष है, संकल्प लेना अहंकार का एक अंश है, और यदि हम सहजता से नहीं जी सकते, तो हम बिल्कुल भी नहीं जीते हैं-
हम संकल्प ले कर केवल दिखावा करते हैं…
हमें बस एक ही संकल्प जीवन में लेंना चाहिये, कि हम अपने किसी भी कर्म से किसी के दिल को दुखी नहीं करेंगे…
अन्य बाकी दूसरे सभी लिये हुये संकल्प जीवन के बंधन बन जाते हैं…
सुनील पुष्करणा