संकल्प अगर हो निश्चित…
कल्पनाओं को हकीकतमें सजते होती हैं देर…!.
संकल्प अगर हो निश्चित…तो वर्तमान स्थिति में,
कभी…अचानक से हो जाती हैं कल्पनाओं से भेंट…!!
भाग्य का लिखा कहीं से भी आकर दे जाता हैं देन,
कभी संजोग या मेहनत भी लाती हैं रंग,
तभी तो संघर्ष की विजय पक्की होती हैं….!!
होता हैं भरोसा अपने वजूद पे,
अटल हौसला भी बुलंदी को छूता हैं…!
टक्कर भी देते हैं बड़ी हिम्मत से,
तभी तो… ये हार भी तारीफ़ करती हैं खूब…!!!