संकल्पों की मनहरण
काले काले गोरे गोरे, गोरे गोरे काले लोग।
गोरे गोरे दिखे काम, करे काले पीले है।।
संकल्पों मे स्वारथ की, राजनीति वो तो करे,
होते नीले पीले काले, बड़े जहरीले है।।
जालिमों के दबड़े को, तोड़ते हमेशा रहो
जालिमों के कसे जाले, करो जरा ढीले हैं।।
विकल्पों को संकल्पों से, पाना गर जरूरी है
कीले गाड़ डालो जहाँ, राह पथरीली है।।