सँभल रहा हूँ
इश्क़-ए-इबादत करते – करते चल रहा हूँ मैं
दिल के दर्द से धीरे – धीरे अब सँभल रहा हूँ मैं
ऐ हवा सुन जरा जाकर कह दे उस बेवफा से
यक़ीनन यक़ी है मुझे अब बदल रहा हूँ मैं
© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)
इश्क़-ए-इबादत करते – करते चल रहा हूँ मैं
दिल के दर्द से धीरे – धीरे अब सँभल रहा हूँ मैं
ऐ हवा सुन जरा जाकर कह दे उस बेवफा से
यक़ीनन यक़ी है मुझे अब बदल रहा हूँ मैं
© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)