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22 Sep 2021 · 1 min read

श्वासों की नली में पिरोया हुआ

कोई भी वृक्ष
पहले एक बीज ही तो था
कोई भी बीज
पहले कभी एक पेड़ ही तो था
सम्पूर्ण सृष्टि
एक पहिये सी ही तो
घूम रही है
कुछ भी कहीं से उठा लो
कहीं से भी अपनी यात्रा
शुरू कर लो
वह आगाज भी है
अंजाम भी
सबकुछ कण कण
श्वासों की नली में
पिरोया हुआ
आदि है और
अनंत भी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
214 Views
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