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8 Jan 2024 · 1 min read

श्रेणी:हाइकु – डी के निवातिया

श्रेणी:हाइकु
***

छू गई मन,
फ़िज़ाओ में बिखरी
तेरी खुशबू !!

आँखों है दंग,
पढ़ी मन की चिट्ठी
प्रीत के संग !!

नेह धूप से,
हर लेता है मीत,
मन का शीत !!

छोड़ के मौन,
उड़ेगा ये पखेरू,
ढूंढेगा कौन !!

शीत का शोर,
कुहासा ओढ़कर
सूर्य है मौन !!
!

स्वरचित: डी के निवातिया

2 Comments · 83 Views
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