श्रृद्धांजलि
श्रृद्धांजलि
विधाता छंद!
जवानों की दिलेरी में सदा आधार पाया है!
रखी है लाज माता की सदा वादा निभाया है!
लड़े हैं देश रक्षा में मिटें गोदी छिपाना है !
हजारों ख्वाब पूरे आज पाया आशियाना हैं!!
छलावे से सदा दुश्मन करें है वार भालो से!
हमारे वीर मरते हैं सदा शैतान चालो से !
भरों हूँकार कोलाहल उठे जागे धरा वीरों !
मिटा दो नाम पाकिस्तान नक्शे से जरा वीरों !!
निहत्थे जान करते वार कैसे वीर हो सोचो !
जरा झाँको गुनाहों से भरे शैतान मुँह नौचो!
गये हो भाग आते हाथ यूं जिंदा कहाँ रहते!
शहीदी खून की सौंगध हजारों मौत तुम जलते!!
उठीं आँधी हुआ काला जहाँ फिर से विराना हैं!
हमारे दिल उठा ज्वाला भरा भारी निशाना हैं !
बचोगे तुम नहीं नामो-निशां तेरा मिटा देंगे !
जमीं से नाम पाकिस्तान तेरा हम हटा लेंगें !!
छगन लाल गर्ग विज्ञ!