Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2016 · 1 min read

श्री हनुमत् कथा भाग-6

श्री हनुमत् कथा , भाग -6
———————————
हनुमानजी अयोध्या से अन्तर्ध्यान गुरु सूर्य देव को दिये गये वचन के अनुसार सुग्रीव की रक्षा करने के लिए शीघ्र ही किष्किन्धा पहुँच गये ।
बाली और सुग्रीव में शत्रुता बढी हुई थी क्योंकि बाली ने सुग्रीव की पत्नी तथा राज्य को छीन लिया था जिससे डरकर सुग्रीव ऋष्यमूक पर्वत पर चला गया ।
उसी पर्वत के निकट सीता जी को खोजते हुए भगवान श्री राम एवं लक्ष्मण जी पहुँच गये जिन्हें देखकर सुग्रीव यह सोचकर डर गया कि कहीं उन्हें बाली ने उसका वध करने के लिए तो नहीं भेजा है । इसका पता लगाने के लिए उसने हनुमानजी को ब्राह्मण के भेष में भेजा । हनुमानजी ने श्री राम -लक्ष्मण को दण्डवत् प्रणाम करके संस्कृतयुक्त वाणी में उनका परिचय प्राप्त किया और अपने कन्धों पर बैठाकर सुग्रीव के पास ले गये तथा अग्नि को साक्षी मानकर उनकी मित्रता कराई । श्री राम के द्वारा बाली बध कराकरके सुग्रीव की आज्ञानुसार सीता जी की खोज करने के लिए बानरों के साथ चल दिये । हनुमानजी की बुद्धि – चातुर्य एवं अपने प्रति भक्ति देखकर चलते समय श्री राम ने पहचान स्वरूप सीता जी की चूड़ामड़ि प्रदान की । बन्दर – भालू सभी दिशाओं में सीता जी खोज करने लगे ।
प्रस्तुतकर्ता :- डाँ तेज स्वरूप भारद्वाज
बोलो श्री रामभक्त हनुमन्त लाल की जय

Language: Hindi
236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
Abhishek Soni
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
'एकला चल'
'एकला चल'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दोहे- दास
दोहे- दास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सावन का महीना
सावन का महीना
Mukesh Kumar Sonkar
💐प्रेम कौतुक-291💐
💐प्रेम कौतुक-291💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
"साजन लगा ना गुलाल"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
खुदा की हर बात सही
खुदा की हर बात सही
Harminder Kaur
3194.*पूर्णिका*
3194.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! दूर रहकर भी !!
!! दूर रहकर भी !!
Chunnu Lal Gupta
संबंधों के पुल के नीचे जब,
संबंधों के पुल के नीचे जब,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मौन अधर होंगे
मौन अधर होंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
Anuj kumar
*आओ लौटें फिर चलें, बचपन के दिन संग(कुंडलिया)*
*आओ लौटें फिर चलें, बचपन के दिन संग(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
gurudeenverma198
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
Neeraj Agarwal
आगोश में रह कर भी पराया रहा
आगोश में रह कर भी पराया रहा
हरवंश हृदय
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
Er. Sanjay Shrivastava
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
ह्रदय के आंगन में
ह्रदय के आंगन में
Dr.Pratibha Prakash
कैसा विकास और किसका विकास !
कैसा विकास और किसका विकास !
ओनिका सेतिया 'अनु '
*परियों से  भी प्यारी बेटी*
*परियों से भी प्यारी बेटी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
समझदारी ने दिया धोखा*
समझदारी ने दिया धोखा*
Rajni kapoor
जब तू रूठ जाता है
जब तू रूठ जाता है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कोहरा और कोहरा
कोहरा और कोहरा
Ghanshyam Poddar
"गुजारिश"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी आंखों का
मेरी आंखों का
Dr fauzia Naseem shad
ऐसे हैं हमारे राम
ऐसे हैं हमारे राम
Shekhar Chandra Mitra
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
Loading...