श्री सिद्धिविनायक स्तुति
हे! ऋद्धि सिद्धि के दाता
तुम हो मेरे भाग्य-विधाता
पूर्ण कीजिए प्रभु मेरे सब काजा।
ॐ गं गं गं गणपति गणेशा
भक्त तेरे पड़ा घने कलेशा
तुम्हीं आन दूर करो द्वेषा।
ॐ कं कं कं कालिके नंदन
करूं गौरीसुत स्नेह वंदन
भरो ह्रदय मेरा आनंदन।
ॐ शं शं शं शिव शम्भू प्यारे
भव पार करो सुरेश्वरम न्यारे।
ॐ गं गं गं गजानन देवा
जीवन में छाया घना अंधेरा
सिद्धिविनायक अब करो सवेरा।
सिद्धिविनायक अब करो सवेरा।
सिद्धिविनायक अब करो सवेरा।
-राजीव डोगरा
कांगड़ा,हिमाचल प्रदेश