श्री राम (प्रार्थना )
इस अंतस की पीड़ा को,
कौन सुनेगा ?
राम ।
जीवन के इस खालीपन को
कौन भरेगा ?
राम ।
मेरे मन के टेड़ेपन को ,
कौन सुधारे ?
राम ।
इस दुनियाँ के पाप ताप को ,
कौन हरेगा ?
राम ।
देश ,शहर, गलियों को ,
भय से कौन उबारे ?
राम ।
इस युग के असंख्य रावणों को ,
कौन संहारे ?
राम ।