श्री राम ने
जब जब धरा पर पाप किया पापियों ने, उन्हें जड़ मूल से मिटाया श्री राम ने।
साधुओ पर अत्याचार किया जब दानवों ने, तब उनके प्राण बचाया श्री राम ने।
अहंकारी रावण के घमंड को चूर किया, बाली को पाताल पहुंचाया श्रीराम ने।
संस्कारों में जीवन को जीना सिखाया और, मर्यादा का पाठ पढ़ाया श्रीराम ने।
-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’
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