*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)
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(1)
चले गए हँसते-मुस्काते श्री महेश राही जी
रहे अन्त तक कलम चलाते श्री महेश राही जी
(2)
गढ़ी कल्पनाओं से दुनिया आदर्शों को खेते
जाति – प्रथा इसमें ठुकराते श्री महेश राही जी
(3)
तपस” आपकी अन्तिम रचना उपन्यास मनभावक
वसुधा एक कुटुम्ब बताते श्री महेश राही जी
(4)
दयानन्द के अनुयायी थे आर्य-समाजी-चिन्तन
उपन्यास द्वारा फैलाते श्री महेश राही जी
(5)
अन्तिम सीख यही इनकी समरस समाज की रचना
इसे “तपस” से जग में लाते श्री महेश राही जी
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(मृत्यु 14 नवम्बर 2015)
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश) 99976 15451