श्री भानु जी की अगुवाई में।
श्री भानु जी की अगुवाई में किसानों की यह लड़ाई है।
ऋषि भैया ने वर्माजी के संग सच की मशाल जलाई है ।।1।।
बात तो देखो देश के अन्नदाता के पेट पर बन आई है।
रो रही है जनता सारी तुमने यह कैसी सरकार चलाई है ।।2।।
किसान उगाये किसान ही ना पाये यह कैसी रुसवाई है।
भला हो भानु जी का जिनकी हमको हौसला अफ़ज़ाई है ।।3।।
सबका साथ सबका विकास यह जुमला लेकर आये थे।
पर एक वर्ष से बैठे है धरनों पर अब ना कोई सुनवाई है ।।4।।
देखो खेतों-सड़कों पर किसानों की ज़िन्दगी मुरझाई है।
श्री भानु, ऋषि, वर्माजी की हिम्मत लड़ने में रंग लाई है ।।5।।
डर का एक माहौल बनाकर तुमने रखा है सबके अंदर।
पर किसानों की यह सेना तुमसे खुल कर लड़ने आई है ।।6।।
उड़ जाओगे सिरकों के जैसे जो मांगें हमारी ना मानोगे।
ऐसी आंधी बनकर किसान यूनियन शहर तुम्हारे आई है ।।7।।
जय जवान जय किसान का तुम यूँ ही नहीं देते हो नारा।
हर मौके पे देश की खातिर दोनों ने अपनी जान गवाई है ।।8।।
बुझने ना देंगे वर्माजी,ऋषि भैयाने जो अलख जलाई है।
कम ना होगी हिम्मत जो श्री भानु जी से सीने में आई है ।।9।।
शर्म करो थोड़ी सी लज़्ज़ा लाओ तुम सब अपने अंदर।
10/15लाख देते हो जान की कीमत ये कैसी भरपाई है ।।10।।
ज़वाब तो तुमको देना होगा ये खून पसीने की कमाई है।
वक्त अभीहै मानलो वरना 2022 में निश्चित ही विदाई है ।।11।।
डरा ना पाओगे किसानों को कोई सरकारी डर दिखाके।
श्री भानु जी की किसान यूनियन ना अब तक घबराई है ।।12।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ