श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा
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सृष्टि रची है जिसने,
किया स्वर्ण लंका का निर्माण
देख महल लंका को,
रावण को हुआ था अभिमान
कर्म कार थे विश्वकर्मा
साक्षात बिष्णु का अवतार।
छन भर में सृष्टि रचना
कर लेते थे सू सुमार।।
सत्रह सितम्बर प्रकट उत्सव
विश्व विदित है त्योहार।
जन्मदिन है आपका
हस्तकला दीजिए भगवान।
कृपा दृष्टि मिले यदि आपका
कर सकूं कुछ काम।
जो कुछ करेंगे,आप ही प्रभु
धरती पर होगा मेरा नाम।।
शरण विजय को राखिये
शरण लीजिएगा आप।
नजर लगी, हैं जहां जहां
रचइता है केवल आप ।।
नर नहीं आप नारायण है
साक्षात बिष्णु अवतार।
बस सहारा केंवल आप प्रभु
सृष्टि किया है निर्माण।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग