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श्री देवेंद्र कुमार रस्तोगी के न रहने से आर्य समाज का एक स्तंभ ढह गया
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आर्य समाज ,पट्टी टोला ,रामपुर के कार्यक्रमों में आयोजकों की पंक्ति में सर्वदा विराजमान श्री देवेंद्र कुमार रस्तोगी का सदैव हंसता मुस्कुराता हुआ चेहरा अब कभी दिखाई नहीं देगा । 3 मई 2021 को उनका स्वर्गवास हो गया ।
आर्य समाज के कार्यक्रमों में जो लोग जिम्मेदारी उठाए हुए सबसे आगे दिखते थे, देवेंद्र जी उनमें सर्वोपरि थे । चाहे समारोह के लिए बाजारों में दुकान-दुकान जाकर पर्चे बांटने का काम हो या फिर कार्यक्रम में “दो शब्द” कहने की भूमिका हो ,सब में उनकी हिस्सेदारी एक समान थी । किसी कार्य को उन्होंने छोटा या बड़ा नहीं समझा । उनके पास एक अच्छी भाषा और शैली थी तो आर्य समाज का मुहावरा भी था । अतः उनके “दो शब्द” आयोजन में चार चाँद लगा देते थे ।
उनकी मधुर आवाज ,भोला-भाला चेहरा, जिसे मुस्कुराने के स्थान पर अगर हम “मस्ती से भरा हुआ” कहें तो शायद गलत नहीं होगा । वह दीन-दुनिया से बेखबर प्राणी जान पड़ते थे । मानो उन्हें घर गृहस्थी अथवा रोजमर्रा की किसी चिंता ने घेरा ही नहीं हो ! क्या ऐसा संभव है ? लेकिन जिनका अनुराग दिव्य प्रवृत्तियों की ओर हो जाता है ,वह हर स्थिति में स्थितप्रज्ञता का मार्ग खोज ही लेते हैं । देवेंद्र कुमार रस्तोगी जी की मस्ती का संभवतः यही रहस्य था। आर्य समाज के सिद्धांतों के प्रति उन जैसे आस्थावान व्यक्ति की कमी लंबे समय तक खलती रहेगी । उनकी पावन स्मृति को शत-शत नमन ।।
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लेखक : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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